Backlink kya hai | backlink kaise banaye

अगर आप ब्लॉगिंग, यूट्यूब, या कोई वेबसाइट चलाते हैं, तो आपने बैकलिंक का ज़िक्र ज़रूर सुना होगा। Backlink kya hai आज मैं आपको सीधे-सादे शब्दों में समझाऊंगा कि यह बैकलिंक आखिर है क्या, और इसे बनाए कैसे जाते हैं. बिना पैसे लगाए या कम खर्च में।

मेरा खुद का अनुभव रहा है कि जब तक मुझे बैकलिंक की सही समझ नहीं थी, मेरी वेबसाइट ट्रैफिक के लिए तरसती रहती थी। जैसे ही मैंने ये तरीके अपनाए, रैंकिंग में सुधार होना शुरू हो गया।

बैकलिंक आखिर है क्या?

सोचिए, आपने एक नई दुकान खोली है। अब अगर आपके इलाके का एक बड़ा और मशहूर दुकानदार आकर कह दे, अरे भई, इस दुकान का सामान बहुत अच्छा है! तो क्या होगा? लोगों का आपकी दुकान पर भरोसा बढ़ जाएगा ना? बैकलिंक भी कुछ ऐसा ही काम करता है।

टेक्निकल भाषा में: बैकलिंक (या इनबाउंड लिंक) इंटरनेट का वो लिंक है जो एक वेबसाइट दूसरी वेबसाइट को देती है।

आम भाषा में समझें: जब कोई दूसरी वेबसाइट आपके किसी वेबपेज या आर्टिकल का लिंक अपनी वेबसाइट पर लगाती है, तो उसे बैकलिंक कहते हैं। जैसे कोई आपका नाम लेकर आपकी तारीफ करे।

गूगल की नज़र में ये इतना ज़रूरी क्यों है?
गूगल का मानना है कि जिस वेबसाइट को जितने ज़्यादा अच्छे लोग (वेबसाइट्स) रेफर करते हैं, वह वेबसाइट उतनी ही भरोसेमंद और कीमती होगी। इसलिए, जिस वेबसाइट के जितने ज़्यादा हाई-क्वालिटी बैकलिंक होते हैं, गूगल उसे उतना ही ऊंचा रैंक देता है।

बैकलिंक के प्रकार

हर बैकलिंक एक जैसा नहीं होता। एक अच्छे बैकलिंक की कीमत 100 खराब बैकलिंक से ज़्यादा होती है।

  1. Do-Follow बैकलिंक: यह बैकलिंक गूगल को एक सिग्नल देता है कि यह वेबसाइट भरोसेमंद है, इसकी लिंक जूस (लिंक का फायदा) इस वेबसाइट को दो। यह आपकी वेबसाइट की ऑथोरिटी बढ़ाता है और रैंकिंग के लिए सबसे ज़रूरी है।
  2. No-Follow बैकलिंक: यह बैकलिंक गूगल को कहता है, मैं इस वेबसाइट की ज़िम्मेदारी नहीं लेता, लिंक जूस मत भेजो। यह सोशल मीडिया कमेंट्स या फोरम में मिलता है। यह सीधे रैंकिंग में तो मदद नहीं करता, लेकिन ट्रैफिक लाने और ब्रांड awareness के लिए अच्छा होता है।

बैकलिंक कैसे बनाएं?

यहाँ कुछ ऐसे प्रैक्टिकल तरीके हैं जिन्हें मैंने खुद आजमाया है और जो काम करते हैं।

1. गेस्ट ब्लॉगिंग (सबसे पावरफुल तरीका)
दूसरे ब्लॉग्स के लिए आर्टिकल लिखकर दें और उसमें अपनी वेबसाइट का लिंक डलवाएं। शुरुआत ऐसी वेबसाइट्स से करें जो आपके ही niche में हैं और थोड़ी छोटी हैं। उन्हें एक प्रोफेशनल ईमेल लिखें और अपना आइडिया दें।

2. टूटे हुए लिंक ढूंढें (Broken Link Building)
यह थोड़ा टेक्निकल लगे, लेकिन है बहुत आसान।

  • किसी बड़ी वेबसाइट पर जाएं जो आपके niche की है।
  • टूल्स (जैसे ‘Check My Links’ Chrome extension) की मदद से ढूंढें कि उस साइट पर कोई टूटा हुआ लिंक (404 Error) तो नहीं है।
  • फिर उस वेबसाइट के ओनर को मेल करके बताएं कि आपकी साइट पर यह लिंक टूटा हुआ है, आप चाहें तो मेरा यह आर्टिकल उसकी जगह लगा सकते हैं। यह Win-Win स्थिति होती है।

3. The Skyscraper Technique

  • अपने niche के पोपुलर ब्लॉग्स पर जाएं और देखें कि लोग कमेंट में क्या सवाल पूछ रहे हैं।
  • अगर कोई सवाल अनअन्सर्ड है, तो उस पर एक बेहतरीन और डिटेल्ड आर्टिकल अपनी वेबसाइट पर लिखें।
  • फिर उस ब्लॉग के ओनर को मेल करके कहें, आपके आर्टिकल पर एक सवाल पूछा गया था, मैंने उसका बहुत डिटेल में जवाब लिखा है, शायद यह आपके दूसरे रीडर्स के काम आ सके। और अपना लिंक शेयर करें।

4. इन्फोग्राफिक्स बनाएं
लोगों को विजुअल चीज़ें पसंद आती हैं। अगर आप किसी टॉपिक पर एक अच्छी इन्फोग्राफिक (इमेज जिसमें इंफोर्मेशन हो) बनाते हैं, तो दूसरे ब्लॉगर उसे शेयर करने के लिए आपकी वेबसाइट का लिंक दे सकते हैं।

किन बातों से बचें

  • लिंक खरीदने से बचें: गूगल इसकी पकड़ में आ जाता है और आपकी साइट को पेनल्टी दे सकता है।
  • स्पैम कमेंट न करें: “बहुत अच्छा आर्टिकल है, मेरी साइट भी देखें: [link]” जैसे कमेंट्स न करें। यह नुकसानदायक है।
  • सिर्फ Do-Follow लिंक्स के पीछे न भागें: No-Follow लिंक्स भी नेचुरल लिंक प्रोफाइल बनाने में मदद करते हैं।

(निष्कर्ष)

बैकलिंक बनाना एक धीमी और मेहनत भरी प्रक्रिया है, लेकिन यही आपकी वेबसाइट को गूगल में ऊपर ले जाने की असली चाबी है। रातों-रात सफलता की उम्मीद न रखें। धैर्य रखें, लगातार क्वालिटी कंटेंट बनाते रहें और ऊपर बताए गए तरीकों को अमल में लाएं।

मेरा खुद का मानना है कि अगर आप लोगों की मदद करने वाला बेहतरीन कंटेंट बनाएंगे, तो बैकलिंक खुद-ब-खुद आने शुरू हो जाएंगे।

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